प्राकृतिक रूप से तैयार गेहूं को ₹40 किलो की दर से खरीदेगी सरकार
प्राकृतिक रूप से कृषि पैदावार को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने एक महत्वपूर्ण फैसला लिया है। सरकार प्राकृतिक रूप से तैयार गेहूं को 40 रुपए और मक्की को 30 रुपए प्रति किलो के न्यूनतम समर्थन मूल्य की दर से खरीदेगी। दावा किया जा रहा है कि देश में गेहूं और मक्की पर दिया जाने वाला यह सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य होगा।
किसानों की आय बढ़ाने और प्रदेश में रसायनमुक्त खेती प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने राजीव गांधी प्राकृतिक खेती स्टार्ट- अप योजना शुरू कर दी है। योजना के तहत पहले चरण में हर पंचायत से 10 किसानों को रसायनमुक्त खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सरकार ने करीब 36 हजार किसानों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य तय किया है। प्राकृतिक खेती से तैयार उत्पादों के भंडारण के लिए भी सरकार किसानों की उचित आर्थिक मदद करेगी।
इसके भंडारण के लिए सरकार 10,000 रुपये तक की सहायता राशि प्रदान करेगी। मार्केट में मांग के अनुसार वह अपने उत्पादों की बिक्री कर अच्छी आय कमा सके। मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण और फसल उत्पादन लागत को कम करने में प्राकृतिक खेती योजना मील पत्थर साबित हो रही है।
24,210 हेक्टेयर भूमि पर होती है प्राकृतिक खेती
प्रदेश के अब तक 1,78,643 किसान-बागवान परिवारों ने प्राकृतिक खेती पद्धति को अपनाया है। प्रदेश में 24,210 हेक्टेयर भूमि पर इस विधि से खेती की जा रही है और चरणबद्ध तरीके से प्रदेश के 9.61 लाख किसान परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। वित्त वर्ष 2023-2024 में 1275.31 लाख रुपए खर्च करके 37,087 किसानों को लाभान्वित किया गया और 13,176 हेक्टेयर भूमि को प्राकृतिक भूमि के अधीन लाया गया है। प्राकृतिक खेती उत्पादों की बिक्री के लिए 10 मंडियों में स्थान चयनित कर वहां पर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम किया जा रहा है।